तस्कर करियर भारत में सोने को लेकर अपराध करने वाले व्यक्तियों का पेशा है। इन तस्करों का उपयोग रोजगार के रूप में किया जाता है, और वे खाड़ी देशों में रोजगार के लिए भारत आने वाले युवाओं को धोखा देते हैं। इन तस्करों द्वारा यात्रा के लिए टिकट और 25 से 30 हजार रुपये की राशि ली जाती है। जब युवा भारत में पहुंचते हैं, तो तस्कर उन्हें सोने का पेस्ट देते हैं, जिसे करियर में निगल जाने के लिए कहा जाता है। इसके बाद, यात्री को मल मार्ग के रास्ते बाहर निकाल दिया जाता है। तस्कर करियर के द्वारा अक्सर यात्री के वस्त्र या अन्य सामग्री के साथ 700 ग्राम तक सोना भेजा जाता है।
जासं, लखनऊ: चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 30 तस्करों के भाग निकलने और दो दिन में 62 तस्करों के पहुंचने के मामले में कस्टम की पूरी टीम को निलंबित कर दिया गया है। इनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई है।
उधर, कस्टम की थ्योरी पर जहां कई सवाल उठने लगे हैं, सीआइएसएफ की सतर्कता पर भी प्रश्न चिह्न लग रहा है। सरोजनीनगर पुलिस ने एयरपोर्ट प्रशासन को करीब डेढ़ किमी. के परिसर का सीसी फुटेज उपलब्ध कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। हालांकि पुलिस को अभी तक सीसी फुटेज नहीं सौंपी गई है।
हटाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों को किया गया निलंबित
पुलिस की टीम देर रात तस्करों को पकड़ने के लिए रामपुर रवाना होगी। कस्टम के सहायक आयुक्त एके सिंह सहित आठ अधिकारियों और कर्मचारियों को बुधवार को एयरपोर्ट से हटाकर मुख्यालय संबद्ध किया गया था। उनकी जगह दूसरी टीम तैनात कर दी गई है। गुरुवार को कस्टम के हटाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। सोमवार को डीआरआइ की सूचना पर कस्टम ने एयरपोर्ट पर सुबह सात बजे शारजाह से आए इंडिगो के विमान 6ई-1424 से 36 तस्करों को रोका था।
तबियत खराब होने की आड़ में भाग गए तस्कर
इन तस्करों को 35 घंटे तक कस्टम ने एयरपोर्ट पर ही अपने पास रखा। कस्टम ने उनसे करीब 3.13 करोड़ रुपये की विदेशी सिगरेट तो बरामद की, लेकिन पेस्ट बनाकर शरीर में छिपाकर लाया गया सोना बरामद नहीं हो सका। इस दौरान 30 तस्कर साथी मो. कासिफ की तबीयत खराब होने की आड़ में एयरपोर्ट से भाग गए थे।
हालांकि तस्करों ने मो. कासिफ को एयरपोर्ट के आगमन गेट के बाहर ही छोड़ दिया था। भागे हुए तस्कर रामपुर के टांडा के हैं। मंगलवार शाम करीब छह बजे दम्माम से आए विमान से भी 26 तस्कर पहुंच गए और उनके पास से करीब डेढ़ करोड़ रुपये की विदेशी सिगरेट बरामद हुई।
इससे पहले भी हुई थी चूक
पिछले साल 26 मई को लखनऊ एयरपोर्ट पर वाराणसी का सादिक भी सुरक्षा व्यवस्था के बीच से होते हुए रनवे तक पहुंच गया था। घटना के बाद से एयरपोर्ट की सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए थे। इसके कुछ दिन बाद ही एक फर्जी दारोगा भी एयरपोर्ट पर पकड़ा गया था। वह वर्दी में सेल्फी खींचकर परिवार को भेजता था।
किसकी कहानी सच्ची
कस्टम ने सरोजनीनगर थाने में मामला दर्ज करते हुए बताया है कि 30 तस्कर एक साथी के बेहोश होने का बहाना बनाकर सीआइएसएफ के जवानों को धक्का देकर भाग निकले। सीआइएसएफ के सूत्रों की मानें तो उनको कस्टम ने इस आपरेशन में शामिल ही नहीं किया था।
कस्टम को 36 तस्करों को रोकने के लिए सूचना देनी चाहिए थी। सवाल यह भी है कि नियम के तहत भले ही सीआइएसएफ आगमन गेट से बाहर निकलने वाले यात्री को नहीं रोकती है, लेकिन एक तस्कर को छोड़कर जब 30 भाग रहे थे तो उन संदिग्ध लोगों को पकड़ने की जिम्मेदारी तो उनकी बनती ही है। लखनऊ एयरपोर्ट के डेढ़ किमी. परिसर में चप्पे-चप्पे की निगरानी होती है। इनके बीच 30 तस्कर भाग गए। इससे एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठता है।
इसलिए होती है तस्करी
खाड़ी देशों में सोना कस्टम फ्री होने के कारण प्रति किलोग्राम करीब 10 लाख रुपये सस्ता होता है। खाड़ी देशों के अलावा बैंकाक, म्यांमार और ताइवान से भी सोना तस्करी कर भारत भेजा जा रहा है।
लखनऊ एयरपोर्ट बना सोना तस्करों का सबसे पसंदीदा खाड़ी देशों से सोने की तस्करी करने के लिए लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट सबसे पसंदीदा बन गया है। दुबई और शारजाह जैसे देशों से सीधी विमान सेवा जुड़ने के कारण सोना आसानी से लखनऊ लाया जा रहा है। यहां की कस्टम टीम पर पहले भी तस्करों की मदद के आरोप लग चुके हैं।
डीआरआइ ने सात सितंबर 2021 को लखनऊ एयरपोर्ट के कस्टम के हवलदार और तस्करों के मैसेज का पता लगाकर उसे गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के बाद एयरपोर्ट से निकालकर मुजफ्फरनगर ले जाए जा रहे करीब चार करोड़ रुपये के 77 सोने के बिस्कुट को डीआरआइ ने आगरा एक्सप्रेसवे पर पकड़ा था।
कुल नौ किलो सोने की तस्करी में लिप्त होने के मामले में तत्कालीन कस्टम कमिश्नर वेद प्रकाश शुक्ल ने नौ सितंबर 2021 को पांच अधिकारियों को निलंबित किया था। वहीं डिप्टी डायरेक्टर निहारिका लाखा को हटा दिया गया था। पांच मई 2022 को भी डीआरआइ ने कार्गो से करीब 5.2 किलो सोना बरामद किया था।