कांग्रेस को संभल सीट पर चार दशक से जीत की तलाश में है। वर्ष 1977 में बनी संभल लोकसभा सीट पर वर्ष 1980 और 1984 में ही कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी।
संभल लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी को पिछले चार दशक से जीत की तलाश है। वर्ष 1977 में बनी संभल लोकसभा सीट पर वर्ष 1980 और 1984 में ही कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद कांग्रेस पार्टी जीत के लिए लगातार जद्दोजहद कर रही है। वर्ष 1989 के बाद से संभल सीट पर कांग्रेस पार्टी का प्रत्याशी कभी उपविजेता भी नहीं रहा। इस चुनाव में संभल सीट गठबंधन के चलते सपा के पास है। ऐसे में संभल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस का जीत का इंतजार बरकरार ही रहेगा।
संभल लोकसभा सीट वर्ष 1977 में बनी थी। संभल लोकसभा सीट पर पहले चुनाव में कांग्रेस ने जुगल किशोर, जबकि बीकेडी ने शांति देवी को मैदान में उतारा था। इस चुनाव में शांति देवी ने जीत हासिल की और जुगल किशोर को 132868 मतों से शिकस्त दी। शांति देवी संभल लोकसभा से पहली महिला सांसद बनी थीं। 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने युवा नेता बिजेंद्र पाल यादव को मैदान में उतारा। शांति देवी ने जनता पार्टी से चुनाव लड़ा, लेकिन वह बिजेंद्र पाल यादव से 15767 मतों से हार गईं। 1984 के चुनाव में शांति देवी कांग्रेस में शामिल हो गई। इस पर कांग्रेस ने उन्हें संभल के चुनाव मैदान में उतारा। उन्होंने लोकदल के सुल्तान सिंह यादव को 41240 मतों से हराया। 1984 के बाद कांग्रेस हर लोक सभा चुनाव में संभल सीट पर अपना प्रत्याशी उतारती है, लेकिन वह कभी जीत नहीं दर्ज कर सकी। इस बार के चुनाव में कांग्रेस और सपा का गठबंधन है, संभल सीट सपा के खाते में चली गई है। ऐसे में संभल से कांग्रेस को जीत का इंतजार बरकरार रहेगा।
कांग्रेस का 1991 के चुनाव से लगातार घट रहा वोट प्रतिशत
संभल लोकसभा सीट पर कांग्रेस को बिजेंद्र पाल यादव और शांति देवी ने जीत दिलाई, लेकिन उसके बाद कभी जीत नसीब नहीं हुई। वर्ष 1989 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी शांति देवी दूसरे स्थान पर रहीं। 1991 के चुनाव में शांति देवी चौथे स्थान पर रही। तभी से कांग्रेस का वोट प्रतिशत कम होने लगा। जो आज तक कम होता जा रहा है। अब तो लगता है कि सीट पर कांग्रेस का कैडर वोट भी न के बराबर पहुंच गया। कांग्रेस अपने खोये हुए वोट प्रतिशत को बढ़ाने के लिए 1989 के बाद से जद्दोजहद कर रही है, लेकिन वोटरों का विश्वास नहीं जीत पा रही है।
सपा-बसपा में था गठबंधन, कांग्रेस प्रत्याशी को मिला तीसरा स्थान
संभल लोकसभा सीट पर वर्ष 1980 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बिजेंद्र पाल यादव ने 36.74 प्रतिशत वोट हासल किए थे। वर्ष 1984 के चुनाव में शांति देवी ने 36.46 प्रतिशत मत प्राप्त किए। इसके बाद से कांग्रेस का वोट प्रतिशत गिरता रहा। 1989 के चुनाव में 39.92, 1991 के चुनाव में 15.67, 1996 के चुनाव में 1.11, 1998 में 0.65 प्रतिशत वोट मिले। कांग्रेस प्रत्याशी श्रीपाल सिंह यादव ने वर्ष 1999 में वोट प्रतिशत बढ़ाया, लेकिन वह भी इसे 9.86 प्रतिशत पर ही पहुंचा पाए। 2009 के चुनाव में चंद्र विजय को 19.9 प्रतिशत मत मिले। वर्ष 2014 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद कृष्णम को 1.52 प्रतिशत वोट मिले, जबकि 2019 कांग्रेस के मेजर जगत पाल सिंह को 1.02 प्रतिशत वोट मिले। इस चुनाव में वोट प्रतिशत घटा, लेकिन सपा-बसपा का गठबंधन होने के कारण कांग्रेस प्रत्याशी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
संभल लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशियों की स्थिति
वर्ष – कांग्रेस प्रत्याशी – चुनाव परिणाम
.1977 – जुगल किशोर – हार (दूसरा स्थान)
.1980 – बिजेंद्र पाल यादव – जीत
. 1984 – शांति देवी – जीत
. 1989 – शांति देवी – हार (दूसरा स्थान)
. 1991 – शांति देवी – हार (चौथा स्थान
. 1996 – रिफाकत हुसैन – हार (चौथा स्थान)
. 1998 – मजिमुल हुसैन – हार (पांचवां स्थान)
. 1999 – श्रीपाल सिंह यादव – हार (चौथा स्थान)
. 2004 – अशोक यादव – हार (चौथा स्थान)
. 2009 – चंद्रविजय – हार (तीसरा स्थान)
. 2014 – प्रमोद कृष्णम – हार (पांचवां स्थान)
. 2019 – मेजर जगतपाल सिंह – हार (तीसरा स्थान)
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